पढ़ने की उम्र में चढ़ा निखरने का चस्का - विनोद विप्लव

नयी दिल्ली।
स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों में पढ़ाई से पहले सुंदर और आकर्षक दिखने की ललक तेजी से बढ़ रही है और यह कारण है कि कम उम्र की लड़कियां अपने को तराशने के लिये अपने शरीर पर नश्तर चलवाने से भी नहीं हिचकतीं।
आज 18-22 साल या उससे भी कम उम्र की लड़कियां परफेक्ट दिखने के लिए ब्यूटी और कॉस्मेटिक क्लिनिकों का चक्कर लगा रही हैं और सुंदर दिखने के लिये न केवल ढेर सारे पैसे खर्च करने को बल्कि हर तरह के कष्ट सहने को तत्पर रहने लगी हैं। कास्मेटिक सर्जन एवं नयी दिल्ली कास्मेटिक लेजर सर्जरी सेंटर आफ इंडिया (सीएलएससीआई) के निदेशक डा. पी. के. तलवार बताते हैं कि पिछले दो तीन सालों से स्कूल-कालेज जाने वाली लड़कियों में कास्मेटिक सर्जरी कराने की प्रवृति में तेजी से इजाफा हुआ है। खासकर स्कूल से कॉलेज में कदम रखने से वाली लड़कियां अपना मनवांछित ‘‘परफेक्ट लुक’’ हासिल करने के लिये अधिक से अधिक संख्या में लाइपोसक्शन, राइनोप्लास्टी और लेजर सर्जरी कराने के लिये आगे आने लगी हैं।
दिल्ली साइकिएट्रिक सेंटर के निदेशक डा. सुनील मित्तल के अनुसार आजकल लड़कियों पर सुंदर एवं ग्लैमरस दिखने का दवाब बहुत अधिक बढ़ गया है। मीडिया, टेलीविजन एवं फिल्मों के जरिये उनके मन में फिल्मी हीरोइनों अथवा फैशन मॉडलों की तरह दिखने की चाह पनपती ही है तथा साथ ही साथ उन पर दोस्तों का भी दवाब होता है। समाज में बढ़ते आधुनिकीकरण, उपभोक्तावाद एवं ग्लैमर के प्रभाव के कारण लड़कियों में सुंदर दिखने की होड़ तेजी से बढ़ी है और इसी तरह का दबाव उन्हें कॉस्मेटिक सर्जन के पास जाने के लिए मजबूर करता है।
एक अनुमान के अनुसार सन् 2003 में 18 साल से कम उम्र के 74 हजार से भी अधिक लड़के-लड़कियों ने कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लिया। उसके बाद के तीन साल में ही इसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वुद्धि की दर में आकलन के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है कि केमिकल पील, माइक्रोडर्माब्रेजन और बोटोक्स जैसी सभी प्रकार की कॉस्मेटिक सर्जरी में अगले एक साल में ही इनमें 50 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी और 18 साल से कम उम्र में कास्मेटिक सर्जरी कराने वाले लड़के-लड़कियों की संख्या तीन लाख 36 हजार से भी ज्यादा हो जाएगी।
गत वर्ष 42 हजार 515 लड़कियों ने नाक की कास्मेटिक सर्जरी (राइनोप्लास्टी) करायी और 15 हजार 973 ने कान की कास्मेटिक सर्जरी अर्थात ईयर पिनिंग (ओटोप्लास्टी) करायी जो कि युवाओं कीें सबसे अधिक पसंदीदा कॉस्मेटिक सर्जरी है। इसके अलावा तीन हजार 841 किशोरियों ने ब्रेस्ट इम्प्लांट कराया और हजारों किशोरियों ने पेट की अतिरिक्त चर्बी से निजात पाने की सर्जरी (लाइपोसक्शन) का सहारा लिया। दूसरी तरफ स्तन में उभार लाने वाली तकनीक (ब्रेस्ट इम्प्लांट) में तो हर साल 24 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है।
मैक्स हास्पीटल के कास्मेटिक सर्जन डा. तलवार बताते हैं कि आजकल ज्यादातर छात्र-छात्राएं अपने लुक को लेकर संतुष्ट नहीं होते और अपने को सुंदर बनने के लिये कास्मेटिक सर्जरी कराते हैं। स्कूल-कालेज में लंबी छुट्टियों से पहले कॉस्मेटिक सर्जरी के मामलों में भारी इजाफा हो जाता है क्योंकि सर्जरी के बाद छुट्टी के दौरान ही सर्जरी के निशान मिट जाते हैं। इससे उन्हें सर्जरी के बाद कॉलेज से छुट्टी लेने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
डा. तलवार बताते हैं कि विवाहित महिलाओं की तुलना में कॉलेज जाने वाली लड़कियांे और अविवाहित महिलाओं में कॉस्मेटिक सर्जरी का चलन अधिक है। ये सपाट पेट के लिए लाइपोसक्शन, षरीर के बेहतर शेप के लिए आर्म लिफ्ट, थाई लिफ्ट और बट लिफ्ट, ब्रेस्ट सर्जरी, एब्डोमिनोप्लास्टी, लेजर स्ट्रेच मार्क रिमूवल और विभिन्न प्रकार के त्वचा ट्रीटमेंट को अधिक तरजीज देती हैं।
राइनोप्लास्टी के जरिये नाक के स्वरूप में मनचाहा बदलाव कराने वाली 19 वर्षीया डॉली कहती हैं, ‘‘पहले मेरे बहुत कम दोस्त थे। मुझसे दोस्ती करने में किसी की भी दिलचस्पी नहीं होती थी। लेकिन मैं अपनी तुलना अन्य लड़कियों से नहीं करती थी। लेकिन जब मै सातवीं कक्षा में थी तो मुझे यह अहसास हुआ कि ऐसा मेरी मोटी नाक के कारण हो रहा है। तब मुझे लगा कि मैं इस नाक के साथ चुड़ैल की तरह दिखती हूं। मुझे अपने आप से ही नफरत होने लगी और मैंने राइनोप्लास्टी कराने का फैसला किया।’’
16 वर्षीय रीमा ने हाल ही में लाइपोसक्शन कराया है। वह कहती हैं, ‘‘मैं बचपन से ही मोटी थी। जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई मेरा पेट बाहर की ओर निकलने लगा। मेरे दोस्त भी मुझे टुनटुन कहकर चिढ़ाते थे। इससे मैं बहुत निराश रहती थी और मेरा आत्मविश्वास भी कम होता जा रहा था। मुझे घर से निकलने में भी शर्म आती थी। इसलिए मैंने अपने तनाव को खत्म करने के लिए अंततः लाइपोसक्शन कराने का फैसला किया। अब मैं बिल्कुल तनावमुक्त हूं और किसी से मिलने-जुलने और कहीं आने-जाने में कोई झिझक नहीं होती है।’’
वैसे तो हर कम उम्र की लड़कियों में सुंदर दिखने की चाह बढ़ी है लेकिन विशेशज्ञों का कहना है कि कम उम्र लड़कियों को कॉस्मेटिक सर्जरी कराने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और अगर सर्जरी करानी ही हो तो अनुभवी और विशेषज्ञ कॉस्मेटिक सर्जन से ही कॉस्मेटिक सर्जरी करानी चाहिए ताकि किसी दुष्प्रभाव का सामना न करना पड़े।

3 comments:

Vikas Gupta "Bhartiya" said...

viplav ji aapne bahut hi achhe subject ko chuna hai aur aapka lekh bhi achha ban para hai.

seema singh said...

bahut umda lekh hai .....

Unknown said...

He Bhgwan or Kya kya Sunna w pdna pdega ???????????????