भूख है तो सब्र कर] रोटी नहीं तो क्या हुआ - अंगारे

Papermag-smooth

हाथों में अंगारों को लिये सोच रहा था / कोई मुझे अंगारों की तासीर बताये ।

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Saturday, April 14, 2007

demo-image

भूख है तो सब्र कर] रोटी नहीं तो क्या हुआ

Responsive Ads Here
भूख है तो सब्र कर] रोटी नहीं तो क्या हुआ]आजकल दिल्ली में है] जेरे बहस ये मद्दुआ
गिड़गिड़ाने का यहां कोई असर होता नहींपेट भरकर गालियां दो] आह भरकर बद्दुआ।
इस अंगीठी तक गली से कुछ हवा आने तो जब तलक खिलते नहीं] ये कोयले देंगे धुंआ।
इस शहर में वो कोई बारात हो या वारदातअब किसी भी बात पर खुलती नहीं है खिड़कियां

Post Bottom Ad

Pages